अब 10 साल बाद फिर से 1 वर्षीय B.Ed कोर्स शुरू, सिर्फ ₹20,000–₹30,000 फीस में बने शिक्षक | B.Ed 1-Year Course
By: Express News Team
B.Ed 1-Year Course: भारत की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा फैसला लिया गया है, जिससे हजारों युवाओं को फायदा होगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने करीब दस साल बाद एक वर्षीय बैचलर ऑफ एजुकेशन (B.Ed) कोर्स फिर से शुरू करने की घोषणा की है। यह कदम खासतौर पर उन युवाओं के लिए राहत भरा है जो शिक्षक बनना चाहते हैं लेकिन दो साल का लंबा कोर्स नहीं कर पा रहे थे।
पहले क्या था और अब क्या बदला?
साल 2014 से पहले तक B.Ed एक साल का कोर्स हुआ करता था, जिसमें ग्रेजुएशन के बाद सीधे दाखिला मिलता था। बाद में इसकी अवधि बढ़ाकर दो साल कर दी गई। अब अनुभव और नई शिक्षा नीति 2020 की ज़रूरतों को देखते हुए, फिर से एक वर्षीय B.Ed को मंजूरी दी गई है।
नई व्यवस्था उन छात्रों के लिए बनाई गई है जिन्होंने पहले ही मजबूत उच्च शिक्षा पूरी कर ली है। ऐसे उम्मीदवारों के लिए दो साल की लंबी अवधि की बजाय एक साल का इंटेंसिव कोर्स अधिक व्यावहारिक माना जा रहा है।
कोर्स की अवधि, फीस और योग्यता
- अवधि: कुल 12 महीने (1 वर्ष)
- अनुमानित फीस: लगभग ₹20,000 से ₹30,000 (संस्थान के अनुसार अलग‑अलग)
- शैक्षणिक योग्यता: किसी भी विषय में 4‑year स्नातक डिग्री या मान्य स्नातकोत्तर (PG) डिग्री
- न्यूनतम अंक: सामान्य वर्ग के लिए कम से कम 50% अंक, आरक्षित वर्ग के लिए 5% की छूट (यानी 45%)
- उम्र सीमा: कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं
यह कोर्स खास तौर पर उन उम्मीदवारों के लिए फायदेमंद है जो पहले से ग्रेजुएशन या पोस्ट‑ग्रेजुएशन करके अब टीचिंग में करियर बनाना चाहते हैं।
एडमिशन कैसे मिलेगा?
दाखिले की प्रक्रिया संस्थान के अनुसार अलग‑अलग हो सकती है, लेकिन सामान्य तौर पर यह स्टेप्स रहेंगे:
- एनसीटीई से मान्यता प्राप्त कॉलेज/यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें और अपनी व्यक्तिगत व शैक्षणिक जानकारी सही‑सही दर्ज करें।
- जरूरी डॉक्यूमेंट (मार्कशीट, पहचान पत्र, फोटो आदि) अपलोड करें और आवेदन शुल्क ऑनलाइन जमा करें।
- कई संस्थान लिखित एंट्रेंस टेस्ट लेते हैं, जबकि कुछ मेरिट लिस्ट के आधार पर एडमिशन देते हैं।
- चयनित उम्मीदवारों को काउंसलिंग के लिए बुलाया जाता है, जहां डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और फीस जमा करने की प्रक्रिया पूरी होती है।
कौन‑कौन कर सकता है आवेदन?
- बीए, बीएससी, बीकॉम या किसी भी मान्यता प्राप्त 4‑year ग्रेजुएशन कोर्स के विद्यार्थी।
- पोस्ट ग्रेजुएट (MA, MSc, MCom आदि) उम्मीदवार भी आवेदन के पात्र हैं।
- जिनके अंक सामान्य वर्ग में 50% या उससे अधिक और आरक्षित वर्ग में 45% या उससे अधिक हैं।
- ऐसे उम्मीदवार जो किसी भी उम्र में करियर बदलकर टीचिंग लाइन में आना चाहते हैं।
कोर्स से क्या‑क्या सिखाया जाएगा?
एक वर्षीय B.Ed कोर्स में वही मुख्य विषय शामिल हैं जो दो साल के कोर्स में पढ़ाए जाते थे, लेकिन अधिक सघन रूप में:
- शिक्षा का इतिहास, दर्शन और उद्देश्य
- बाल विकास और शैक्षिक मनोविज्ञान
- विभिन्न शिक्षण विधियाँ और क्लासरूम मैनेजमेंट
- शिक्षा में ICT और आधुनिक तकनीक का प्रयोग
- स्कूल इंटर्नशिप और प्रैक्टिकल टीचिंग
- परीक्षा, मूल्यांकन और रिपोर्टिंग की तकनीकें
कोर्स में केवल थ्योरी ही नहीं, बल्कि वास्तविक स्कूलों में इंटर्नशिप के माध्यम से व्यावहारिक प्रशिक्षण भी अनिवार्य रहेगा, ताकि विद्यार्थी असली क्लासरूम की चुनौतियों को समझ सकें।
एक वर्षीय B.Ed कोर्स के प्रमुख फायदे
- समय की बचत: अब दो साल की जगह केवल एक साल में प्रोफेशनल ट्रेनिंग पूरी हो जाएगी, जिससे जल्दी नौकरी के अवसर मिल सकते हैं।
- कम फीस: 20–30 हजार की अनुमानित फीस पहले के मुकाबले काफी सस्ती है, जिससे मध्यम व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को राहत मिलेगी।
- करियर में तेजी: जो युवा जल्दी से टीचिंग जॉब पाना चाहते हैं, उनके लिए यह कोर्स बेहद उपयोगी है।
- लचीलापन: उम्र सीमा न होने से working professionals भी इस कोर्स के जरिए teaching line में आ सकते हैं।
किन संस्थानों में मिलेगा यह कोर्स?
एक वर्षीय B.Ed उन सभी कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज़ में चलाया जा सकेगा जिन्हें राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) से मान्यता प्राप्त है। हर राज्य में अलग‑अलग संस्थानों की सूची जारी की जाएगी, जिसे आधिकारिक नोटिफिकेशन या वेबसाइट पर देखा जा सकता है।
दाखिला लेने से पहले यह जरूर जांचें कि:
- संस्थान को NCTE से मान्यता प्राप्त हो।
- फैकल्टी और इन्फ्रास्ट्रक्चर अच्छा हो।
- पिछले बैच का रिजल्ट और प्लेसमेंट रिकॉर्ड ठीक हो।
भविष्य की संभावनाएं
एक वर्षीय B.Ed को दोबारा शुरू करने से उन युवाओं के लिए बड़ा मौका बना है जो कम समय और सीमित संसाधनों में शिक्षक बनना चाहते हैं। शिक्षक का पेशा हमेशा से सम्मानजनक माना जाता है और समाज निर्माण में इसकी अहम भूमिका है। अगर आप भी पढ़ाने का जुनून रखते हैं, तो यह सही समय है तैयारी शुरू करने का।
महत्वपूर्ण: एडमिशन से पहले अपने राज्य के शिक्षा विभाग या संबंधित विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी नोटिफिकेशन जरूर पढ़ें, क्योंकि नियम, फीस और सीटों की संख्या राज्य‑दर‑राज्य बदल सकती है।

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